Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2024, 05:00 PM
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, इस्तीफा देने के बाद से लगातार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते आ रहे हैं। इस बार उन्होंने सीधे संघ प्रमुख मोहन भागवत को एक खुली चिट्ठी लिखकर पांच तीखे सवाल किए हैं, जिनमें बीजेपी की नीतियों और संघ की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। केजरीवाल के ये सवाल भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकते हैं, खासकर तब जब अगले चुनावों की तैयारी हो रही है।केजरीवाल के 5 सवाल:1) 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेताओं की रिटायरमेंट नीति पर सवालकेजरीवाल ने पहला सवाल उठाया कि बीजेपी ने 75 साल की उम्र के बाद नेताओं के रिटायरमेंट का कानून बनाया, जिसके तहत आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को सक्रिय राजनीति से हटना पड़ा। लेकिन हाल ही में अमित शाह ने यह कहा कि यह कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लागू नहीं होगा। केजरीवाल ने पूछा कि क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए? क्या यह संघ प्रमुख की सहमति से हो रहा है?2) भ्रष्ट नेताओं के साथ गठबंधन पर निशानाकेजरीवाल ने दूसरा सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 28 जून 2023 को एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उसके नेता पर 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था, लेकिन कुछ समय बाद उसी पार्टी के नेता के साथ गठबंधन किया और उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या आपने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी, जो भ्रष्टाचार के आरोपियों के साथ गठबंधन करे? क्या इस सबको देखकर संघ प्रमुख को पीड़ा नहीं होती?3) ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग और सरकारों को गिराने पर सवालतीसरे सवाल में केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह दूसरी पार्टियों के नेताओं को ईडी और सीबीआई के डर से तोड़ रही है और उनकी सरकारों को गिरा रही है। उन्होंने मोहन भागवत से पूछा कि क्या इस तरह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराना देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जाना संघ और भागवत को स्वीकार्य है?4) बीजेपी को सही मार्ग पर लाने में आरएसएस की भूमिका पर सवालचौथे सवाल में केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी का जन्म आरएसएस की "कोख" से हुआ है, और इसलिए संघ की जिम्मेदारी है कि वह बीजेपी को सही मार्ग पर लाए। उन्होंने पूछा कि क्या मोहन भागवत ने कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई गलत कदम उठाने से रोका है? क्या संघ अपने ही संगठन की विचारधारा से भटक चुकी बीजेपी पर लगाम कसने में नाकाम रहा है?5) जेपी नड्डा के बयान पर संघ की प्रतिक्रियाआखिरी सवाल में केजरीवाल ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान को उठाया, जिसमें नड्डा ने कहा था कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने इस पर संघ प्रमुख से पूछा कि क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि मां को आंख दिखाने लगे? उन्होंने कहा कि इस बयान से कई आरएसएस कार्यकर्ता आहत हुए हैं, और देश जानना चाहता है कि मोहन भागवत इस बयान पर क्या सोचते हैं।इस्तीफा देने के बाद से हमलावर हैं केजरीवालअरविंद केजरीवाल ने 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन तब से लेकर अब तक कई मौकों पर आतिशी ने यह कहते हुए सुना गया है कि दिल्ली के असली मुख्यमंत्री अभी भी अरविंद केजरीवाल ही हैं। मंगलवार को जब आतिशी हनुमान मंदिर पहुंचीं, तो उन्होंने दुआ मांगी कि अरविंद केजरीवाल फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बनें।विपक्ष और बीजेपी की प्रतिक्रियाकेजरीवाल के इस पत्र ने विपक्षी दलों को बीजेपी और आरएसएस पर हमले का नया मौका दे दिया है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। वहीं, बीजेपी की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इस पत्र ने बीजेपी और संघ के अंदरखाने में हलचल मचा दी है।निष्कर्षअरविंद केजरीवाल के इन सवालों ने बीजेपी और आरएसएस के बीच की संबंधों और नीतियों पर एक नई बहस को जन्म दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मोहन भागवत और बीजेपी इस पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं, क्योंकि यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी एक बड़ा विषय बन सकता है। केजरीवाल का यह पत्र भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां एक तरफ संघ और बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो दूसरी ओर यह पत्र विपक्ष को बीजेपी पर हमले का एक नया आधार दे रहा है।