Madan Dilawar / राजस्थान के शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान, छात्राओं को अब मिलेगी केसरिया साइकिल

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा की है कि सरकारी स्कूलों में नौवीं कक्षा की छात्राओं को दी जाने वाली निशुल्क साइकिलों का रंग केसरिया होगा। उन्होंने कहा कि यह रंग पहले भी भाजपा के समय केसरिया था, और इसका कोई विशेष मकसद नहीं है। दिलावर ने केसरिया रंग को शौर्य और वीरता का प्रतीक बताया।

Vikrant Shekhawat : Sep 04, 2024, 12:59 PM
Madan Dilawar: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राज्य के सरकारी स्कूलों में नौवीं कक्षा की छात्राओं को दी जाने वाली निशुल्क साइकिलों का रंग केसरिया घोषित किया है। उन्होंने कहा कि इसका कोई विशेष मकसद नहीं है, बस पूर्व की भाजपा सरकार के समय की परंपरा को दोहराया जा रहा है। केसरिया रंग को शौर्य और वीरता का प्रतीक मानते हुए दिलावर ने कहा कि यह स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा पहने जाने वाले रंग की पुनरावृत्ति है। हाल ही में, शिक्षा मंत्री ने अकबर की गाथाओं को स्कूलों में पढ़ाने के खिलाफ भी ऐलान किया, जिससे ऐतिहासिक विवादों को और तूल मिल सकता है।

'पहले भी साइकिल का रंग केसरिया ही था बाद में...'

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से पहले जब राजस्थान में भाजपा की सरकार थी… तब भी साइकिल का रंग केसरिया ही था। कांग्रेस ने इसे बदलकर काला कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त साइकिलों के माध्यम से शिक्षा को सुगम बनाना है।

केसरिया रंग शौर्य, वीरता प्रतीक 

दिलावर ने कहा कि केसरिया रंग शौर्य, वीरता और सकारात्मकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि "हम फिर से साइकिल का रंग केसरिया कर रहे हैं। केसरिया रंग शौर्य और वीरता का प्रतीक है। जब हमारा देश आजाद हुआ, तो स्वतंत्रता सेनानियों ने वीरता के प्रतीक केसरिया रंग पहना था।" मंत्री ने कहा कि यह रंग सूर्योदय का भी पर्याय है। 

हाल में किया था राज्य के शिक्षा मंत्री ने ये बड़ा ऐलान 

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल में ऐलान किया था कि अब राजस्थान के स्कूलों में अकबर महान की गाथा नहीं पढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप से बड़ा महान कोई नहीं है, अकबर भी नहीं। इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि अकबर ने कई वर्षों तक भारत को लूटा और अकबर को महान पढ़ाने वाले लोग अब आगे नहीं पढ़ा पाएंगे। ऐसे में प्रदेश में महाराणा प्रताप और अकबर को लेकर एक बार फिर से संग्राम छिड़ने वाला है।