Citizenship Amendment Act / CAA मार्च महीने में हो जाएगा लागू, चुनाव से पहले जारी हो सकती है अधिसूचना

भारतीय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA मार्च महीने में लागू हो जाएगा. लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले कभी भी इसकी अधिसूचना जारी की जा सकती है. गृह मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि आदर्श आचार संहिता से पहले ही सीएए को लागू कर दिया जाएगा. इसके बाद CAA नियम के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए अल्पसंख्यकों के आवेदनों पर विचार होगा.

Vikrant Shekhawat : Feb 27, 2024, 09:35 PM
Citizenship Amendment Act: भारतीय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA मार्च महीने में लागू हो जाएगा. लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले कभी भी इसकी अधिसूचना जारी की जा सकती है. गृह मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि आदर्श आचार संहिता से पहले ही सीएए को लागू कर दिया जाएगा. इसके बाद CAA नियम के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए अल्पसंख्यकों के आवेदनों पर विचार होगा.

भारतीय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम संसद में पांच साल पहले पास हो चुका है, लेकिन बाद में देश भर में विरोध प्रदर्शन के चलते इसे लागू नहीं किया गया था. अब एक बार फिर यह कानून चर्चा में हैं. माना जा रहा है कि आदर्श आचार संहिता लगने से पहले इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी ये ऐलान किया था कि सीएए को लागू करने से कोई रोक नहीं सकता.

क्या है CAA

CAA यानी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को 2019 में संसद से पारित किया गया है. इसका उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देना है, इसका फायदा उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को मिलेगा जो इन तीनों पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए हैं. खास बात ये है कि इन्हें भारतीय नागरिकता लेने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. कानून के तहत नागरिकता मिलते ही ऐसे व्यक्तियों को देश के मौलिक अधिकार भी मिल जाएंगे. मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है.

2019 में पारित हो गया था बिल

भारतीय नागरिकता कानून 1995 में बदलाव करते हुए पहली बार संशोधित बिल 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था. उसी समय लोकसभा में यह बिल पास कर दिया गया था. बाद में यह राज्यसभा में अटक गया. बाद में यह संसदीय समिति के पास भेजा गया. 2019 में मोदी सरकार ने दोबारा इस बिल को संसद में पेश किया. यह बिल पारित हो गया. इसके बाद राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई. इसके बाद देश भर में प्रदर्शन हुए. इसके बाद यह ठंडे बस्ते में चला गया.