Vikrant Shekhawat : Sep 04, 2019, 06:03 PM
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में शुरूआत में यातायात नियमों के उल्लंघन के लिये केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत कम्पाउंडिंग फीस (जुर्माना) कम रखी जाएगी।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि आम जनता को यातायात नियमों के बारे में शिक्षित और जागरूक बनाकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जाए।गहलोत का यह बयान मंगलवार को मोटर वाहन अधिनियम में संशोधनों को लेकर उनकी अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद आया है।एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष करीब 10 हजार व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है, जिसमें ज्यादातर युवा होते हैं। यह चिंता का विषय है और ऐसे में यह अत्यावश्यक है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने से पहले आम लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के बारे में शिक्षित एवं जागरूक किया जाए।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नियमों और जुर्माना राशि के बारे में अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करेगी और अपेक्षा की जाएगी कि वाहन चालक स्वयं सुरक्षित रहें और दूसरों को सुरक्षित रखें।गहलोत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार यातायात नियम में उल्लंघन से जुड़े जिन 33 अपराधों में बढ़ी हुई जुर्माना राशि प्रस्तावित की गई है, उनमें से शुरूआत में 17 अपराधों में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कम कम्पाउंडिंग फीस रखी जाएगी, ताकि आमजन स्वप्रेरणा से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें। लेकिन गंभीर प्रकृति के 16 मामलों में फीस अधिनियम में वर्णित जुर्माना राशि के बराबर रखी जाएगी।यदि सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई और कानून में संशोधन के उदेश्य पूरे नहीं हुए, तो कम्पाउंडिंग फीस को अधिनियम के अनुरूप अधिकतम सीमा तक बढ़ाया जा सकता है।बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन राजीव स्वरूप, परिवहन आयुक्त राजेश यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करके जुर्माने की राशि काफी बढ़ा दी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन तथा राजस्थान राज्य आजीविका विकास निगम में प्रशिक्षण लेने वाले और विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 7 लाख युवाओं को सड़क सुरक्षा एवं ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूक करने के लिए लघु फिल्म एवं स्लाइड्स दिखाने जैसी पहल की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश के समस्त उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रोड सेफ्टी की जानकारी देने वाली पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।