जयपुर / बेटियों के हाथों हुई दिवाली खुशियों वाली अभियान की शुरूआत

जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो, बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं। सच है बेटियों बिना तीज और त्योहार की कल्पना नहीं की जा सकती। इसी संकल्पना के सहारे ​जयपुर के महारानी कॉलेज से दिवाली खुशियों वाली अभियान की शुरूआत बुधवार को बेटियों के हाथों से ही की गई है। जयपुर के महारानी कॉलेज में दिवाली खुशियों वाली इको फ्रेंडली दीपोत्सव अभियान की शुरूआत। बेटियों ने मिट्टी के दियों से घर—संसार रोशन करने का संकल्प किया|

Vikrant Shekhawat : Oct 16, 2019, 05:35 PM
जयपुर | जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो, बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं। सच है बेटियों बिना तीज और त्योहार की कल्पना नहीं की जा सकती। इसी संकल्पना के सहारे ​जयपुर के महारानी कॉलेज से दिवाली खुशियों वाली अभियान की शुरूआत बुधवार को बेटियों के हाथों से ही की गई है। यह अभियान प्रदेशभर में मिट्टी के दियों से इको फ्रेंडली दिवाली मनाने के लिए आमजन को प्रेरित करने के साथ—साथ मिट्टी के दिया निर्माण से जुड़े लोगों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा।

एक दीपावली खुशियों वाली अभियान के प्रदेश संयोजक श्रवणसिंह राठौड़ ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती रोली सिंह ने अपने सम्बोधन में इस अभियान के भावों और उनसे जुड़े परिणामों को समाजापयोगी बताते हुए इसे प्रभावी परिणामों तक पहुंचाने का आह्वान किया। प्रदेश संयोजक राठौड़ ने अभियान के विभिन्न चरणों और उसे मिल रहे जनसमर्थन के साथ—साथ इससे पड़ रहे प्रभाव की व्याख्या की। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती निधिलेखा शर्मा ने की। अति​ विशिष्ट अतिथि के तौर पर राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रो. जयंतसिंह, विशिष्ट अतिथि छात्रसंघ अध्यक्ष आकृति तिवाड़ी और राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रनेता संजय माचेड़ी मौजूद रहे। कार्यक्रम के तहत यहां मौजूद सभी छात्राओं को मिट्टी के दिए वितरित कर इको फ्रेंडली दीवाली मनाने का आह्वान किया गया। छात्राओं में इस आयोजन को लेकर खासा उत्साह देखा गया।

यह है अभियान
प्रदेश संयोजक राठौड़ के अनुसार दिगम्बर जैन संत पूज्य सागर महाराज के आशीर्वाद से दीवाली खुशियों वाली अभियान के तहत मिट्टी के दीपकों से दीपावली पर रोशनी की जाए। इससे प्रदूषण से बचा जा सकेगा और सांस्कृतिक के साथ—साथ मानव मूल्यों की भी स्थापना होगी। इसके तहत जयपुर समेत कई जगह फुटपाथ पर और थड़ी पर स्थित दुकानदारों के माध्यम से मिट्टी के दीपक विक्रय का काम दानदाताओं की मदद से किया जा रहा है। इसके तहत जरूरतमंद को रोजगार मिल रहा है और दीपावली जैसे सांस्कृतिक त्योहार और प्रतिष्ठित रूप ले सकेंगे। महारानी कॉलेज की बेटियों ने उत्साह के साथ दीपक लिए और सांस्कृतिक त्योहार के संरक्षण का संकल्प किया।