Ashok Siddharth / जानिए कौन हैं अशोक सिद्धार्थ? जिनकी वजह से आकाश पर मायावती ने लिया एक्शन

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा सियासी फैसला लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया। उन्होंने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया। मायावती ने स्पष्ट किया कि उनके रहते बसपा में कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा।

Ashok Siddharth: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को एक अहम राजनीतिक निर्णय लिया। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी माने जाने वाले भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। इसके साथ ही, मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक वह जीवित हैं, उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। यह फैसला पार्टी के भीतर सत्ता संतुलन और संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने के लिए लिया गया बताया जा रहा है।

नेतृत्व में बदलाव

मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से मुक्त कर दिया और उनकी जगह राज्यसभा सांसद राम जी गौतम और आनंद कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी। यह बदलाव बसपा के संगठनात्मक ढांचे में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि मायावती ने पहले ही आकाश आनंद को पार्टी का भविष्य बताया था।

अशोक सिद्धार्थ पर मायावती का हमला

इस फैसले के साथ मायावती ने आकाश आनंद के ससुर और पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक सिद्धार्थ पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे और संगठन को कमजोर करने की साजिश रच रहे थे। मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा कि आकाश आनंद का राजनीतिक करियर बर्बाद करने के लिए अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार हैं।

कौन हैं अशोक सिद्धार्थ?

अशोक सिद्धार्थ कभी बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख नेताओं में गिने जाते थे। मायावती के साथ उनके करीबी संबंध थे, जिसके चलते उन्हें बसपा की टिकट पर राज्यसभा भेजा गया था। बसपा के लिए उन्होंने महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में प्रभार संभाला था।

अशोक सिद्धार्थ का जन्म 5 फरवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता बसपा के संस्थापक कांशीराम के करीबी थे। इसी कारण अशोक सिद्धार्थ भी पार्टी में शामिल हुए और संगठन के लिए काम करने लगे। मायावती के विश्वासपात्र होने के कारण उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं।

पार्टी से निष्कासन और विवाद

हाल ही में, अशोक सिद्धार्थ के बेटे की शादी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। मायावती इस बात से नाराज थीं कि शादी में चुनिंदा नेताओं को ही आमंत्रित किया गया था। इसके बाद, उन्होंने अशोक सिद्धार्थ को गुटबाजी के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था। अब मायावती ने आकाश आनंद को भी पदों से हटाकर स्पष्ट कर दिया कि वह पार्टी में किसी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेंगी।

बसपा की आगे की राह

इस घटनाक्रम के बाद बहुजन समाज पार्टी में नेतृत्व को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। मायावती ने अपने नेतृत्व को बरकरार रखते हुए संकेत दिया है कि बसपा में कोई भी बदलाव उनकी स्वीकृति के बिना नहीं हो सकता। राम जी गौतम और आनंद कुमार की नई जिम्मेदारी से पार्टी के भविष्य की दिशा तय होगी।