Vikrant Shekhawat : Sep 05, 2020, 10:58 PM
जयपुर | प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए कारोबारी सुगमता के उठाए गए कदमों का परिणाम है कि बिजनस रिफार्म्स एक्शन प्लान की क्रियान्विति रेंकिंग में राजस्थान एक पायदान और ऊपर आते हुए वर्ष 2019 की रेंकिंग में आठवें स्थान पर आ गया है। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश के उद्यमियों, निवेशकर्ताओं और निवेश का बेहतर वातावरण तैयार करने से जुड़े अधिकारियों और प्रदेशवासियाें को बधाई देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से शनिवार को इज ऑफ डूइंग बिजनस के तहत बिजनस रिफार्म्स एक्शन प्लान की क्रियान्विति के अनुसार राज्यों की रेंकिंग जारी की है।
उद्योग मंत्री मीणा ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वेब कॉफ्रेंसिंग के जरिए राज्यों की रेंकिंग जारी की। 2019 के लिए जारी इस रेंकिंग में राजस्थान 2017 की नवीं रेंकिंग से एक कदम ऊपर उठते हुए आठवें स्थान पर आ गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री की वेब कॉन्फ्रेंस में उद्योग मंत्री मीणा के साथ ही प्रमुख शासन सचिव उद्योग नरेश पाल गंगवार और आयुक्त उद्योग श्रीमती अर्चना सिंह ने भी हिस्सा लिया। मीणा ने बताया कि कारोबारी सुगमता के क्षेत्र में केन्द्र सरकार द्वारा जारी रेंकिंग में राजस्थान पश्चिमी बंगाल व गुजरात से आगे निकल गया है।
मीणा ने बताया कि यह तो हमारी सरकार आने के शुरुआती दिनों में उठाए गए कदमोें का ही परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल बनाने के लिए क्रान्तिकारी कदम उठाए गए हैं। राज्य में एमएसएमई एक्ट में प्रावधान कर राज उद्योग मित्र की पावती के आधार पर उद्योग लगाने पर तीन साल के लिए सभी अनुमतियाें से मुक्त किया गया है, वहीं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक रियायतें दी गई है। प्रदेश में नई औद्योगिक विकास नीति के साथ ही निर्यात प्रोत्साहन के लिए राजस्थान निर्यात संवद्र्धन परिषद व राजस्थान निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद का गठन किया गया है। एमएसएमई सुविधा परिषद एक के स्थान पर चार कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में सिंगल विण्डो सिस्टम को भी और अधिक प्रभावी बनाते हुए वन स्टॉप शॉप लागू किया गया है जिससे अब बड़े उद्योगों की स्थापना भी आसान हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने और क्रांतिकारी निर्णयों से आगामी वर्ष की रेंकिंग में राजस्थान शीर्ष प्रदेश बनने की पूरी संभावना है।
उद्योग मंत्री मीणा ने शीर्ष पर रहे प्रदेशों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के अधिकारियों को आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना आदि प्रदेशों में अध्ययन के लिए भेजा जाएगा और वहां के अनुभवों को भी प्रदेश की परिस्थितियों के अनुसार लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार के समन्वित और साझा प्रयासों का ही परिणाम है कि कोरोना लॉकडाउन और उसके बाद के हालातों के बावजूद राज्य में लगभग सभी बड़े उद्योग आरंभ हो गए हैं। सभी औद्योगिक क्षेत्र खुल गए हैं और श्रमिक काम पर आने लगे हैं।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक सुधारों का ही परिणाम है कि प्रदेश में निवेश का नया वातावरण बना है और नए निवेशक राजस्थान का रुख कर रहे हैं। पिछले दिनों ही प्रदेश में बड़े निवेश के एमओयू संपन्न हुए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्ष में राजस्थान की रेंकिंग में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि 2015 से राज्यों में कारोबारी सुगमता के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी बिन्दुओं की क्रियान्विति के आधार पर राज्यों की रेंकिंग जारी की जाती है। 2018 में रैंकिंग जारी नहीं की गई थी और 2019 मेें राजस्थान 8 वें स्थान पर रहा है। इससे पहले 2017 की रेंकिंग में 9वें स्थान पर था। 2019 की रेंकिंग केन्द्र सरकार द्वारा जारी 80 रिफॉर्म्स बिंदुओं की राज्य सरकारों द्वारा क्रियान्विति के आधार पर की गई है।
उद्योग मंत्री मीणा ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वेब कॉफ्रेंसिंग के जरिए राज्यों की रेंकिंग जारी की। 2019 के लिए जारी इस रेंकिंग में राजस्थान 2017 की नवीं रेंकिंग से एक कदम ऊपर उठते हुए आठवें स्थान पर आ गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री की वेब कॉन्फ्रेंस में उद्योग मंत्री मीणा के साथ ही प्रमुख शासन सचिव उद्योग नरेश पाल गंगवार और आयुक्त उद्योग श्रीमती अर्चना सिंह ने भी हिस्सा लिया। मीणा ने बताया कि कारोबारी सुगमता के क्षेत्र में केन्द्र सरकार द्वारा जारी रेंकिंग में राजस्थान पश्चिमी बंगाल व गुजरात से आगे निकल गया है।
मीणा ने बताया कि यह तो हमारी सरकार आने के शुरुआती दिनों में उठाए गए कदमोें का ही परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल बनाने के लिए क्रान्तिकारी कदम उठाए गए हैं। राज्य में एमएसएमई एक्ट में प्रावधान कर राज उद्योग मित्र की पावती के आधार पर उद्योग लगाने पर तीन साल के लिए सभी अनुमतियाें से मुक्त किया गया है, वहीं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक रियायतें दी गई है। प्रदेश में नई औद्योगिक विकास नीति के साथ ही निर्यात प्रोत्साहन के लिए राजस्थान निर्यात संवद्र्धन परिषद व राजस्थान निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद का गठन किया गया है। एमएसएमई सुविधा परिषद एक के स्थान पर चार कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में सिंगल विण्डो सिस्टम को भी और अधिक प्रभावी बनाते हुए वन स्टॉप शॉप लागू किया गया है जिससे अब बड़े उद्योगों की स्थापना भी आसान हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने और क्रांतिकारी निर्णयों से आगामी वर्ष की रेंकिंग में राजस्थान शीर्ष प्रदेश बनने की पूरी संभावना है।
उद्योग मंत्री मीणा ने शीर्ष पर रहे प्रदेशों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के अधिकारियों को आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना आदि प्रदेशों में अध्ययन के लिए भेजा जाएगा और वहां के अनुभवों को भी प्रदेश की परिस्थितियों के अनुसार लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार के समन्वित और साझा प्रयासों का ही परिणाम है कि कोरोना लॉकडाउन और उसके बाद के हालातों के बावजूद राज्य में लगभग सभी बड़े उद्योग आरंभ हो गए हैं। सभी औद्योगिक क्षेत्र खुल गए हैं और श्रमिक काम पर आने लगे हैं।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक सुधारों का ही परिणाम है कि प्रदेश में निवेश का नया वातावरण बना है और नए निवेशक राजस्थान का रुख कर रहे हैं। पिछले दिनों ही प्रदेश में बड़े निवेश के एमओयू संपन्न हुए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्ष में राजस्थान की रेंकिंग में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि 2015 से राज्यों में कारोबारी सुगमता के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी बिन्दुओं की क्रियान्विति के आधार पर राज्यों की रेंकिंग जारी की जाती है। 2018 में रैंकिंग जारी नहीं की गई थी और 2019 मेें राजस्थान 8 वें स्थान पर रहा है। इससे पहले 2017 की रेंकिंग में 9वें स्थान पर था। 2019 की रेंकिंग केन्द्र सरकार द्वारा जारी 80 रिफॉर्म्स बिंदुओं की राज्य सरकारों द्वारा क्रियान्विति के आधार पर की गई है।