Sanjivani Society Scam / संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर सुनवाई से इनकार

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर सुनवाई से राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस प्रवीर भटनागर ने इनकार कर दिया है। 28 मार्च को जस्टिस मनोज गर्ग ने भी ऐसा ही किया था। संजीवनी क्रेडिट काेऑपरेटिव सोसायटी घोटाला मामले में शेखावत गिरफ्तारी टालने और जांच CBI को सौंपने के लिए 24 मार्च को याचिका दायर की थी। 900 करोड़ से ज्यादा के इस घोटाले को लेकर पिछले कुछ दिनों से राजस्थान पुलिस एक्टिव हो गई है।

Vikrant Shekhawat : Apr 04, 2023, 10:24 PM
Sanjivani Society Scam: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर सुनवाई से राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस प्रवीर भटनागर ने इनकार कर दिया है। 28 मार्च को जस्टिस मनोज गर्ग ने भी ऐसा ही किया था। संजीवनी क्रेडिट काेऑपरेटिव सोसायटी घोटाला मामले में शेखावत गिरफ्तारी टालने और जांच CBI को सौंपने के लिए 24 मार्च को याचिका दायर की थी। 900 करोड़ से ज्यादा के इस घोटाले को लेकर पिछले कुछ दिनों से राजस्थान पुलिस एक्टिव हो गई है। पीड़ितों की महीनों पुरानी शिकायतों का हवाला देते हुए FIR दर्ज किए जा रहे हैं।

कहा जा रहा है कि गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा जब से किया है, तब से राजस्थान की पुलिस कुछ ज्यादा ही हरकत में आ गई है।

28 मार्च को जस्टिस मनोज गर्ग की सिंगल बेंच ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। मंगलवार को जस्टिस प्रवीर भटनागर की सिंगल बेंच में इस याचिका पर सुनवाई होनी थी। यहां भी जज ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह की ओर से मंगलवार को जोधपुर हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट मनीन्द्र सिंह, उनके सहायक एडवोकेट युवराज सिंह और आदित्य विक्रम सिंह भी मौजूद थे। एडवोकेट मनीन्द्र सिंह ने बताया कि याचिका आने पर जोधपुर हाईकोर्ट के जज प्रवीर भटनागर ने कहा - याचिका किसी और बेंच में ले जाएं।

उधर, सोसायटी का पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एएसजी एश्वर्या भाटी यूनियन ऑफ इंडिया मल्टी कोऑपरेटिव सोसायटी की ओर से जोधपुर हाईकोर्ट पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री हैं आमने-सामने

पिछले कुछ महीने से संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आमने-सामने हैं। संजीवनी मुद्दे को लेकर 21 फरवरी को सीएम ने शेखावत समेत उनके परिवार को इस घोटाले का आरोपी बताया था। इसके बाद शेखावत ने मार्च के पहले सप्ताह में गहलोत के खिलाफ दिल्ली की कोर्ट में मानहानि केस दायर किया था।

मुख्यमंत्री पर मानहानि का केस दायर करने के बाद राजस्थान में एसओजी एक्टिव हुई और सोसायटी के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज करना शुरू किया। 22 मार्च से 2 अप्रैल के बीच 11 दिनों में ही जोधपुर, बाड़मेर व जालोर में 123 मामले दर्ज हुए। मंगलवार तक इस मामले मे 150 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं।

एक-एक पीड़ित की ओर से 5-5 मुकदमे

इस मामले में एक-एक शिकायतकर्ताओं के नाम से 5-5 मामले दर्ज किए जा रहे हैं। जोधपुर में भगत की कोठी थाने में कुड़ी निवासी रमाकांत गुप्ता के नाम से 3 मामले दर्ज हैं। बसंत कुमार के नाम से दो मामले दर्ज हैं। इस तरह भगत की कोठी थाने में कुल पांच मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 1 नाम से 3 और 1 नाम से दो मामले दर्ज हैं।

FIR हर फिक्स डिपॉजिट पर लिखवाई जा रही है। बड़ी रकम होने से 3 फिक्स डिपॉजिट पर एक एफआईआर दर्ज की जा रही है। पीड़ित पारसमल जैन ने 3 करोड़ का निवेश किया और कुल 180 फिक्स डिपॉजिट इनके पास हैं। ऐसे में पारसमल जैन के अकेले नाम से 60 FIR दर्ज होंगी। उन्होंने बताया कि उनके नाम से अब तक 5 FIR दर्ज हो चुकी हैं।

सरदारपुरा थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि मंगलवार तक सरदारपुरा (जोधपुर) थाने में कुल 21 मामले दर्ज हो चुके हैं। महामंदिर थाना अधिकारी हरीश सोलंकी ने बताया कि मंगलवार को थाने में 15 मामले दर्ज हुए। पिछले एक सप्ताह में कुल 20 मामले दर्ज हो चुके हैं। पीड़ितों को बुलाकर उनके डॉक्यूमेंट देखे जा रहे हैं।

थाने से फोन आने के बाद डॉक्यूमेंट लेकर पहुंचे

कटला बाजार निवासी मिश्रीलाल चौहान ने बताया कि उन्होंने कुल 5 लाख 77 हजार का निवेश किया था। सोमवार को उनके पास महामंदिर थाने से फोन आया। वह थाने पहुंचे और वहां डॉक्यूमेंट की जांच की गई। इससे पहले उन्होंने कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई थी, लेकिन सहकारिता विभाग में शिकायत जरूर दर्ज करवाई थी।

इसी तरह आदर्श कॉलोनी निवासी ज्योति का कहना है कि हमारी ओर से कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। थाने से कॉल आया तो पता चला कि FIR हो गई है।

पावटा सी रोड निवासी रेणु बाला ने बताया कि शुरुआती दौर में ग्रुप में कार्रवाई की थी। उसके बाद कुछ हुआ नहीं। अब मामला दर्ज हुआ है। उन्होंने बताया कि करीब 5 लाख का निवेश बच्चों के भविष्य को देखते हुए किया था।

गहलोत लगातार हमलावर, पढ़ें कब-कब क्या कहा

21 फरवरी: जयपुर में सीएम ने संजीवनी घोटाले को लेकर कहा था- संजीवनी घोटाले में इनके परिवार के लोग शामिल हैं। गजेंद्र सिंह के पिता, इनकी माता जी, इनकी पत्नी, इनके साले पांचों लोग उसमें शामिल हैं। इनकी माता जी का निधन हो गया है। इनका पूरा परिवार शामिल है। इस मामले में लगभग 50 आरोपी हैं। इसी के बाद शेखावत ने मार्च में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि केस किया था।

21 मार्च: जोधपुर दौरे के दौरान सीएम ने कहा था- संजीवनी सोसायटी में जो भी होता था वो शेखावत की मर्जी से होता था। केंद्रीय मंत्री ने उन पर मुकदमा किया है। ऐसे में अगर मुझ पर मामला दर्ज होने के बाद भी गरीब जनता को उनके हक का पैसा वापस मिलता है तो मैं सजा भुगतने के लिए तैयार हूं।

24 मार्च: इसी दिन शेखावत ने एसओजी वाले मामले को लेकर जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका लगा केस सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसके बाद से सीएम ने एक बार फिर जोधपुर दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधा था।