- भारत,
- 04-Mar-2025 01:00 PM IST
BSP Political Tension: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में इन दिनों जबरदस्त राजनीतिक हलचल मची हुई है। पार्टी सुप्रीमो मायावती फुल एक्शन मोड में नजर आ रही हैं। पहले उन्होंने अपने भतीजे को सभी पदों से हटाया और उसके बाद आकाश आनंद को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन बड़े फैसलों के बाद अब मायावती ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
मायावती की तीखी प्रतिक्रियामायावती ने हाल ही में रमजान के दौरान लाउडस्पीकर उतारे जाने की कार्रवाई को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां सभी धर्मों का समान सम्मान किया जाना चाहिए। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों के अनुयायियों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में जो सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, वह न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों पर लागू नियमों और कानूनों को निष्पक्ष रूप से लागू किया जाना चाहिए।समाज में बढ़ता तनावमायावती ने आगे कहा कि धार्मिक स्थलों पर पाबंदियों और छूट को समान रूप से लागू किया जाना चाहिए, लेकिन वर्तमान में ऐसा होते नहीं दिख रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रकार की नीतियां समाज में शांति और आपसी सौहार्द को बिगाड़ सकती हैं, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि सभी धर्मों को समान अधिकार मिल सकें।यूपी में ऑपरेशन लाउडस्पीकरउत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। इस फैसले को लागू करने के लिए पहले ही गाइडलाइंस जारी कर दी गई थीं।पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति अवैध रूप से दोबारा लाउडस्पीकर लगाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से प्रदेश में राजनीतिक हलचल और बहस तेज हो गई है।निष्कर्षबसपा में चल रही अंदरूनी खींचतान के बीच मायावती ने लाउडस्पीकर विवाद पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देकर सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने धार्मिक मामलों में निष्पक्षता बनाए रखने की मांग की है। अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है।1. भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है। ऐसे में केन्द्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों के मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) March 4, 2025