
- भारत,
- 06-Jul-2020 02:25 PM IST
जयपुर । कोरोना माहामारी के कारण लोगों का काम-धंधा बंद पड़ा है, कई लोगों की नौकरी भी चली गई है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस आपदा को अवसर में बदल दिया है। राजस्थान के नागौर में रहने वाले राजेंद्र लोरा और चंद्रकांता की कहानी भी ऐसी ही है, जिन्होंने लॉकडाउन में ही अपने स्टार्टअप के जरिए 3 करोड़ रुपए का कारोबार किया है।
राजेंद्र ने बताया कि कोरोना वायरस फैलने के बाद सबकुछ थम गया था। ऐसे में किसानाें काे फसलाें और सब्जियाें में छिड़काव के लिए एग्री इनपुट (कीटनाशक, पेस्टीसाइड और अन्य दवाएं) भी नहीं मिल रहे थे। ऐसे में हमें एक स्टार्टअप का आइडिया आया और हमने किसानों को ऑनलाइन फ्लेटफॉर्म उपलब्ध करा दिया।
राजेंद्र ने 2016 में किसानाें से सब्जी खरीदने के लिए एक स्टार्टअप फ्रेशाेकार्ट बनाया था। इस काम में उनकी पत्नी चंद्रकांता उनकी मदद कर रही थीं। लॉकडाउन के बाद उन्होंने इस प्लेटफॉर्म की मदद से ही। एग्रीकल्चर इनपुट की हाेेम डिलीवरी करने का मन बनाया। राजेंद्र ने 45 लाेगाें की टीम तैयार कर ऑनलाइन फ्लेटफार्म पर किसानों का रजिस्ट्रेशन किया। ऑनलाइन ऑर्डर लेकर उन्होंने 30 हजार किसानों को सामान सप्लाई कर 3 कराेड़ रुपए का बिजनेस किया।
किसानाें काे 12 फीसदी ब्याज पर 10 हजार रुपए तक फाइनेंस भी
राजेंद्र की पत्नी और उनकी कंपनी की ऑपरेशन हेड चंद्रकांता ने बताया कि उनकी कंपनी किसानों काे 10 हजार रुपए तक का सामान फाइनेंस पर भी उपलब्ध कराती है। इसके लिए उन्होंने जापानी कंपनी एस-एग्री से टाइअप कर रखा है। फाइनेंस पर किसानाें से 12 फीसदी ब्याज लिया जाता है। कंपनी किसानाें काे बाजार दर से 5 से 10 फीसदी कम रेट पर एग्रीइनपुट उपलब्ध कराती है।
नाैकरी को छाेड़कर किसानी से जुड़ा स्टार्टअप शुरू किया
राजेेन्द्र लाेरा ने जबलपुर ट्रिपल आईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद मुम्बई में दाे साल नाैकरी की। बाद में नाैकरी छाेड़ खुद का एग्रीकल्चर स्टार्टअप शुरू किया। पत्नी चंद्रकांता भी एमबीए पीएचडी हैं। दाेनाें ने नए आइडिया के साथ एग्रीइनपुट काे किसानाें के घर-घर पहुंचाने के बारे में सोचा और आइडिया काम कर गया।