AajTak : Sep 15, 2019, 04:20 PM
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बारिश के पानी के बीच एक स्कूल में 350 बच्चे और 50 शिक्षक फंस गए हैं. राणा प्रताप डैम से पानी छोड़े जाने के बाद नदियों में पानी का उफान है. सड़कों पर भी पानी का साम्राज्य है. लिहाजा, 350 बच्चे स्कूलों में कैद होकर रह गए हैं. गनीमत ये है कि स्थानीय लोग बच्चों और शिक्षकों की भरपूर मदद कर रहे हैं. उन्हें खाना-पानी जैसे बुनियादी चीजें मुहैया करा रहे हैं.
दरअसल, राणा प्रताप डैम से भारी मात्रा में निकले पानी की वजह से सड़कों पर सैलाब जैसे हालात बन गए हैं. स्कूल में फंसे बच्चों और शिक्षकों को स्थानीय लोग तत्काल सहायता और खाने-पीने का सामान पहुंचा रहे हैं. वहीं कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से श्योपुर की चंबल नदी उफान पर है. यही वजह है कि चंबल के बढ़े जल स्तर ने जहां कई गांवों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं वहीं श्योपुर को जयपुर और सवाई माधोपुर को जोड़ने वाला स्टेट हाईवे भी डूब गया है.देश के कई राज्यों में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. राजस्थान में भी मूसलाधार बारिश ने ऐसे हालात बना दिए हैं कि कोटा समेत कई शहरों में जनजीवन ठप है. भारी बारिश के कारण कोटा में बैराज के 18 गेट खोले गए हैं. जिससे साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं प्रतापगढ़, करौली में भी हालात बदतर हैं.कोटा बैराज से 61 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. बताया जा रहा है कि 13 साल बाद बैराज के सभी 19 गेट खोल दिए गए हैं. जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ में भी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. सभी छोटी-नदियां किनारा तोड़कर फैलती जा रही हैं. नदी के उफान में कोटा-दौसा मेगा हाईवे भी दरिया बन गया है. जिसके बंद होने से दर्जनों गांवों का संपर्क कोटा से बूंदी से टूट गया है.Rajasthan: More than 350 students & 50 teachers are stuck at a school in Chittorgarh since yesterday, as roads are blocked due to heavy discharge of water from Rana Pratap Dam. Locals are providing immediate assistance & food to the students & teachers. pic.twitter.com/QbW5XJjJY5
— ANI (@ANI) September 15, 2019