UP News / शहीद के स्मारक पर बुलडोजर चलने से अखिलेश का BJP पर हमला

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी में शहीद मुनीश यादव के स्मारक पर बुलडोजर चलाने की घटना को दुखद और असंवेदनशील बताया। उन्होंने बीजेपी पर शहीदों के सम्मान की अनदेखी और नकारात्मक राजनीति का आरोप लगाया। अखिलेश ने दोषी अधिकारियों की निलंबन और स्मारक की पुनर्स्थापना की मांग की है।

Vikrant Shekhawat : Sep 01, 2024, 10:47 AM
UP News: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी में शहीद स्मारक पर बुलडोजर चलाने की घटना की निंदा की है। उन्होंने इसे दुखद और असंवेदनशील करार देते हुए बीजेपी पर शहीदों की शहादत की अनदेखी का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी शहीदों के सम्मान को भी ठेस पहुँचा रही है और उनकी सियासत में बलिदान की कीमत का कोई मूल्य नहीं है।

मैनपुरी के गढ़िया घुटारा गांव में करगिल के शहीद मुनीश यादव के स्मारक पर राजस्व टीम द्वारा बिना सूचना बुलडोजर चलवाए जाने की घटना पर अखिलेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इस स्मारक का निर्माण साल 2000 में हुआ था। उन्होंने बीजेपी से मांग की कि दोषी अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए और स्मारक की पुनर्स्थापना की जाए। शहीद मुनीश यादव के परिवार ने डीएम से शिकायत की है कि बिना उनकी जानकारी के और उनकी अनुपस्थिति में यह कार्यवाही की गई, जबकि लेखपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।

2000 में बना था वीर शहीद मुनीश यादव का स्मारक

अखिलेश ने कहा कि ये नकारात्मक राजनीति का एक रूप है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी में जरा भी शर्म बची है तो मंडल से लेकर जिले स्तर के सभी बड़े अधिकारियों को तत्काल निलंबित करे और प्रतिमा-स्मारक की ससम्मान पुनर्स्थापना करे. नहीं तो हम सब मिलकर ये कार्य करेंगे. यह घटना घोर निंदनीय है. जानकारी के मुताबिक, तहसील कर्मचारियों ने शहीद के परिजनों को सूचना दिए बिना उनके स्मारक पर बुलडोजर चलवा दिया. साल 2000 में करगिल के वीर शहीद मुनीश यादव का स्मारक बना था.

क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला मैनपुरी के थाना बेवर के गढ़िया घुटारा गांव का है. करगिल के शहीद मुनीश यादव को मरणोपरांत शौर्य चक्र प्रदान किया गया था. उनके ही स्मारक पर राजस्व टीम ने बुलडोजर चलवा दिया. शहीद मुनीश यादव के परिजनों ने मैनपुरी के डीएम अविनाश कृष्ण सिंह से इसकी शिकायत की है. शहीद के परिजनों का आरोप है कि उन्हें बिना सूचना दिए और उनकी गैर मौजूदगी में स्मारक पर बुलडोजर चलाया गया. इस दौरान स्मारक स्थल पर लेखपाल और राजस्व निरीक्षक भी मौजूद थे. उन्हीं की मौजूदगी में ये काम किया गया.

आरोप ये भी है लेखपाल हर्ष कुमार ने पिछले ही साल शहीद स्मारक की जमीन की नापजोख कर चिह्नित कर दिया था और अब उसी लेखपाल हर्ष कुमार ने खुद के द्वारा की गई नापजोख को गलत बता रहा है और गांव के कुछ लोगों से साठगांठ कर लेखपाल हर्ष ने शहीद स्मारक की जगह पर बुलडोजर चलवा कर तुड़वा दिया. वहीं जब इस मामले की जानकारी अपर जिलाधिकारी रामजी मिश्र को हुई तो उन्होंने तहसीलदार किसनी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर संबंधित लेखपाल के कृत्यों जांच कर उसकी रिपोर्ट मुख्यालय में प्रस्तुत करने को कहा है.