App / सेना के जवानों को फेसबुक-इंस्टाग्राम समेत 89 ऐप डिलीट करने का आदेश, नहीं किया तो होगी कार्रवाई

भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों को फेसबुक-इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट करने के आदेश दिए गए हैं आदेश के मुताबिक सभी को इसे 15 जुलाई तक पूरा कर लेना है ये निर्णय सेना की संवेदनशील जानकारियों के लीक होने का हवाला देकर लिया गया है सेना ने कहा है कि जिनके भी मोबाइल में फेसबुक, इंस्टाग्राम के अलावा ये 89 ऐप मिले तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी | साथ ही 89 अन्य ऐप की भी एक लिस्ट जारी की गई है

Vikrant Shekhawat : Jul 09, 2020, 06:58 AM

भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारियों (Officers) और सैनिकों (Soldiers) को फेसबुक-इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट (Facebook-Instagram Account Delete) करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही 89 अन्य ऐप (89 Apps) की भी एक लिस्ट जारी की गई है जिन्हें मोबाइल से अनइंस्टाल (Uninstall) किया जाना है. आदेश के मुताबिक सभी को इसे 15 जुलाई तक पूरा कर लेना है. ये निर्णय सेना की संवेदनशील जानकारियों के लीक होने का हवाला देकर लिया गया है. सेना ने कहा है कि जिनके भी मोबाइल में फेसबुक, इंस्टाग्राम के अलावा ये 89 ऐप मिले तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.




ये कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि सैन्य अधिकारियों और सैनिकों पर इन ऐप्स के जरिए चीन और पाकिस्तान द्वारा ऑनलाइन निगाह रखने की घटनाएं बढ़ी हैं. गौरतलब है कि बीते नवंबर में सेना ने अपने स्टाफ को निर्देश दिया था कि आधिकारिक कामों के लिए व्हाट्सअप का इस्तेमाल न किया जाए. साथ ही महत्वपूर्ण पदों पर मौजूद सेना के अधिकारियों से फेसबुक अकाउंट डीलीट करने को कहा गया था.


हनीट्रैप की कई घटनाएं

बीते सालों में ऐसे की मामले प्रकाश में आए हैं जब पाकिस्तानी एजेंट्स के द्वारा 'महिला' बनकर हनी ट्रैप में फंसाकर सैन्य स्टाफ से गोपनीय जानकारियां हासिल की गईं. हालिया आदेश के मुताबिक गोपनीय सूचनाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर नेवी ने भी अपने सभी स्टाफ के फेसबुक इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. साथ ही नेवी बेस पर स्मार्ट फोन न ले जाने के भी आदेश दिए गए हैं. नेवी में ये निर्णय बीते दिसंबर महीने में ही ले लिया गया था.


कुछ प्रतिबंधों के साथ अब तक थी छूट

गौरतलब है कि अब तक भारतीय सेना ने अपने स्टाफ को कुछ प्रतिबंधों के साथ फेसबुक के इस्तेमाल की छूट दे रखी थी. यूनिफॉर्म में तस्वीर न पोस्ट करने सहित अपनी यूनिट की लोकेशन न डिस्क्लोज करने जैसे प्रतिबंध थे. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक गोपनीय और संवेदनशील जानकारियां पोस्ट करने के कारण सेना में कई अधिकारियों का कोर्ट मार्शल तक किया जा चुका है.