जयपुर / जयपुर के सरकारी अस्पताल ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए रखे बाउंसर, बाद में हटाए

जयपुर में राजस्थान सरकार द्वारा संचालित सवाई मान सिंह अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बाउंसर रखे गए थे लेकिन स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के आदेश पर उन्हें हटा दिया गया है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बाउंसर्स की जगह अब पूर्व सैनिक तैनात किए जाएंगे। दरअसल, एक मरीज़ के रिश्तेदार ने बाउंसर द्वारा मारपीट की शिकायत की थी।

One india : Nov 14, 2019, 11:13 AM
जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) राजस्थान के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है। यहां इन दिनों डॉक्टरों की सुरक्षा में बाउंसर खड़े नजर आते हैं। वजह यह है कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ आए दिन हो रही मारपीट के मामलों में सुरक्षा गार्डों की कमी की बात सामने आती है।

ऐसे में एसएमएस अस्पताल की इमरजेन्सी व ट्रोमा सेन्टर में चार-चार काली ड्रेस में निजी बाउंसर तैनात किए हैं। हालांकि रिटायर सैनिकों की जगह बाउंसर्स को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। अस्पताल में 30 लाख रुपए की लागत से अलार्मिंग सिस्टम अगले डेढ़ माह में लग जाएगा। किसी तरह की घटना होने पर अलार्म बजेगा। इसमें आठ तरह के पैनिक बटन होंगे, जिससे घटना होने पर कंट्रोल रूम में मैसेज तुरन्त पहुंच जाएगा।

इमरजेन्सी व ट्रोमा सेन्टर में गंभीर मरीज दम तोड़ देता है, तो परिजन तैनात डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा देते हैं। रेजिडेंट से मारपीट व झड़प की घटना हो जाती है। एक मरीज के साथ-साथ कम से कम दस-दस मरीज अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टर को भी मरीज का इलाज में दिक्कत आती है और बार-बार डॉक्टर को परेशान करते है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी बताते हैं- सुरक्षा और बीच-बचाव के लिए बाउंसर लगाए हैं। अलार्मिंग सिस्टम और इंटीग्रेटेड सिस्टम भी लगाया जाना है।