Vikrant Shekhawat : Aug 08, 2023, 05:55 PM
Article 370: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अकबर लोन के वकील कपिल सिब्बल ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के संबंध में ऐसी दलील रखी, जिसे सुनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने उनकी बात वहीं काटते हुए उन्हें कुछ हिदायत दे डाली.सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ यह टिप्पणी अनुच्छेद-370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान तब की, जब याचिकाकर्ता अकबर लोन के वकील कपिल सिब्बल ने संसद में दिए गए पूर्व सीजेआई गोगोई के बयान का जिक्र किया. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पांच जजों की संविधान बेंच से सुनवाई के दौरान कहा कि जैसा कि अब आपके एक सम्मानित सहयोगी ने कहा है कि बुनियादी संरचना सिद्धांत भी संदिग्ध है.किसी सहकर्मी का जिक्र करते हैं तो मौजूदा सहकर्मी का जिक्र करें: CJIमौजूदा मामले से जुड़ी दलीलों के बीच सिब्बल का यह तर्क शायद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को अटपटा लगा. तब सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि आप किसी सहकर्मी का जिक्र करते हैं तो आपको मौजूदा सहकर्मी का जिक्र करना होगा. क्योंकि एक बार जब वे न्यायाधीश नहीं रह जाते तो वे विचार बन जाते हैं, बाध्यकारी आदेश नहीं. जवाब में सिब्बल ने कहा कि मैं आश्चर्यचकित हूं, बेशक यह बाध्यकारी नहीं है.हर किसी को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादीसिब्बल और सीजेआई के बीच चर्चा सुनकर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट में जो होता है उस पर संसद चर्चा नहीं करती और जो संसद में जो होता है, उस पर कोर्ट ऐसा नहीं करती. हर किसी को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी है.