राजस्थान पंचायत चुनाव / 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपनी बहू के लिए चुनाव जीतने के लिए मांग रही है वोट, बनी स्टार प्रचारक

राजस्थान पंचायत चुनाव 2020 का बिगुल बज चुका है। उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं। विकास के मुद्दे पर चुनाव प्रचार तेज हो गया है। बाड़मेर जिले के पंचायत क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही 80 वर्षीय सागरती देवी की जमकर चर्चा हो रही है। काऊ खेड़ा गांव की 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपनी बहू के लिए चुनाव जीतने के लिए वोट मांग रही है।

Vikrant Shekhawat : Nov 19, 2020, 06:21 PM
राजस्थान पंचायत चुनाव 2020 का बिगुल बज चुका है। उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं। विकास के मुद्दे पर चुनाव प्रचार तेज हो गया है। बाड़मेर जिले के पंचायत क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही 80 वर्षीय सागरती देवी की जमकर चर्चा हो रही है। काऊ खेड़ा गांव की 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपनी बहू के लिए चुनाव जीतने के लिए वोट मांग रही है।

राजस्थान के बाड़मेर जिले में बाड़मेर पंचायत समिति के काऊ खेड़ा गाँव की 80 वर्षीय सागरती देवी अपनी बहू मूली चौधरी की स्टार प्रचारक हैं। बूढ़ी मां अपने बेटे की बहू के लिए वोट मांगती नजर आती हैं। बहू एक ऐसे क्षेत्र से आती है जहाँ लड़कियों की कम उम्र में शादी कर दी जाती है, लेकिन इसके बावजूद, मुल्ली चौधरी ने शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और परिवार की मदद से कॉलेज के NSUI अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। 2016-17 में छात्र संघ की अध्यक्ष बनने के बाद, उन्होंने महिलाओं के मुद्दों को उठाना जारी रखा।

राजस्थान पंचायत चुनाव के लिए प्रचार चल रहा है।

मुल्ली चौधरी ने कहा कि छात्र राजनीति और गांव की राजनीति में बहुत बड़ा अंतर है, लेकिन अगर हमने मन में ठान लिया है, तो हम भी जीतेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ गांव के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। वहीं, 80 वर्षीय सागरती देवी ने कहा कि उन्होंने कभी किसी के लिए वोट नहीं मांगे, लेकिन इस बार जब बहू चुनाव मैदान में है, तो वह खुद को रोक नहीं सकीं। अब बहू के लिए वह गांव-गांव जाकर वोट मांग रही है।

वहीं, खास बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान मुली चौधरी घूंघट में नजर आती हैं, जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह अपने मूल्यों को नहीं भूली हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि कोई प्रतिबंध नहीं है, वह स्वेच्छा से घूंघट करती है। वहीं, बूढ़ी सास का कहना है कि बहू बहुत मेहनत कर रही है। घर पर डेढ़ महीने के एक बच्चे को छोड़कर, प्रचार के लिए सुबह निकल जाता है। बहू को जीतने का पूरा आशीर्वाद है। मैं भी उसका पूरा समर्थन कर रहा हूं।