मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के बजट में घोषित पुरानी पेंशन योजना के तहत एक जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त किए गए राजस्थान सरकार के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों को कवर किया जाएगा। इस कदम को सीएम गहलोत ने मानवीय कदम बताया है। सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी पेंशनउन्होंने कहा कि गहलोत ने कहा कि यह कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांग थी और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों और उनके परिवारों के हित में है।23 फरवरी को पेश किए गए राज्य के बजट में गहलोत ने पुरानी पेंशन योजना को पुनर्जीवित करने की घोषणा की थी, जिसे राज्य सरकार के कर्मचारियों और उनकी यूनियनों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे दो उद्देश्य पूरे होंगे।पेंशन के मामले में दो श्रेणियां रखना उचित नहींउन्होंने कहा कि यह न केवल कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें पूर्ण समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे अच्छा प्रदर्शन और सुशासन मिलेगा। साथ ही गहलोत ने कहा कि राज्य के लिए काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन के मामले में दो श्रेणियां रखना उचित नहीं है।दो पेंशन योजनाएं पुरानी और नई भेदभाव पैदा कर रहीसीएम गहलोत ने कहा कि दो पेंशन योजनाएं पुरानी और नई - भेदभाव पैदा कर रही हैं। इससे नए कर्मचारियों की दक्षता प्रभावित होती है। यह भी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करे और इसलिए, मैंने निर्णय लिया है। बता दें कि देश में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना 1 अप्रैल 2004 से बंद कर दी गई और नई राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गई।